Saturday 14 July 2018

क्यों माँ तन्हा रह जाती है?

Written By:
Brijesh Vishwakarma

ममता की मूरत,
तू माँ है।
तेरी अद्भुत है सूरत,
तू माँ है।
और तुझे क्या नाम दूं ,
माँ तू तो बस माँ है।
जब तू कोख से होती है,
मगन मन ही मन होती है।
तू इतनी पीड़ा सहती है,
तब जाकर कहीं तेरी सूनी गोद भरती है।
बच्चे को जब गोद में उठाती है,
उसे जी भर दुलारती है।
खुद ही माँ तू पलती है,
और बच्चो को भी पालती है।
खुद भूखी रह कर भी,
तू बच्चे को दूध पिलाती है।
बच्चे को साथ सुलाती है,
राते जाग जाग बिताती है।
बिस्तर गीला रहता है,
पर बच्चे को सूखे बिस्तर सुलाती है।
खुद सूरज में तपती है,
बच्चे को अपने आंचल में रखती है।
खुद मजदूरी कर लाती है,
पर बच्चे को बहुत पढ़ाती है।
माँ तुझे पालती है,
माँ तुझे दुलारती है,
माँ तुझे सुधारती है,
अपना सारा प्यार तुझ पर लुटाती है।
पर जब माँ का बुढ़ापा आ जाता है,
क्यों माँ तन्हा रह जाती है?
क्यों माँ तन्हा रह जाती है?

18 comments:

  1. mind blowing bhaiya 👍👍👌👌👌

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