Friday 5 October 2018

अहसास

Written By
Brijesh Vishwakarma

वो मेरे छूने पर,
तेरी सोती हुई बंद पलकों का खुल जाना।
वो मेरे छूने पर,
तेरे गुलाबी ओंठो का शर्माकर लाल सुर्ख हो जाना।
मुझे देखते ही,
तेरे सांवले गालों पर गड्ढों का पड़ जाना।
मेरे करीब आते ही,
तेरी भीगी उलझी जुल्फो का सुलझ जाना।
मुझे देखने को,
वो तेरा सकुचाकर लजाती नजरें उठाना।
मुझे पाने को,
वो तेरा मन्नतें पूरी करते जाना।
याद है सब मुझे.....
अब तो बस इतना ही कहूँगा,
जब देखा तुझे तो,
प्यार की खूबसूरती को जाना।

उड़ान

जब हौसला बना लिया ऊँची उड़ान का, फिर देखना फिज़ूल है कद आसमान का। पंख नही तो गम नही इस अज़ाब का, हौसले से संभव है सफर आसमान का। तेज आँधी आय...