Written By :
Brijesh Vishwakarma
हे विधाता,
स्त्री की कोख सूनी रखना,
पर पुरुष की कोख से ही कन्या जनना।
जब 9 माह कन्या पुरुष की कोख में होगी,
तब पुरुष की नीयत खराब ना होगी।
जब सहेगा तू प्रसव पीड़ा,
तब ना करेगा घृणित क्रीडा।
जब करेगा तू अपनी कन्या को दुलार,
तब ना कर पाएगा तू बलात्कार।
जब सुनाएगा तू बिटिया को लोरी,
तब ना करेगा तू स्त्री संग जोराजोरी।
जब रातों को जागकर बिटिया को सुलाएगा,
तब ना स्त्री के साथ तू दुराचार कर पाएगा।
जब बेटी की तू चोटी बनाएगा,
तब ना स्त्री संग दुष्कर्म कर पाएगा।
जब होगी बेटी तेरे लिए आईना,
तब ना मन में जगेगी तेरे अश्लील भावना।
जब बांधना सिखाएगा बिटिया को साड़ी,
तब कैसे अत्याचार कर पाएगा दुराचारी।
जीवन के मोड़ में यह अजब मंजर पेश होगा,
पिता जनेगा बेटी,
तब कभी बलात्कार ना होगा।
तब कभी बलात्कार ना होगा।
Brijesh Vishwakarma
हे विधाता,
स्त्री की कोख सूनी रखना,
पर पुरुष की कोख से ही कन्या जनना।
जब 9 माह कन्या पुरुष की कोख में होगी,
तब पुरुष की नीयत खराब ना होगी।
जब सहेगा तू प्रसव पीड़ा,
तब ना करेगा घृणित क्रीडा।
जब करेगा तू अपनी कन्या को दुलार,
तब ना कर पाएगा तू बलात्कार।
जब सुनाएगा तू बिटिया को लोरी,
तब ना करेगा तू स्त्री संग जोराजोरी।
जब रातों को जागकर बिटिया को सुलाएगा,
तब ना स्त्री के साथ तू दुराचार कर पाएगा।
जब बेटी की तू चोटी बनाएगा,
तब ना स्त्री संग दुष्कर्म कर पाएगा।
जब होगी बेटी तेरे लिए आईना,
तब ना मन में जगेगी तेरे अश्लील भावना।
जब बांधना सिखाएगा बिटिया को साड़ी,
तब कैसे अत्याचार कर पाएगा दुराचारी।
जीवन के मोड़ में यह अजब मंजर पेश होगा,
पिता जनेगा बेटी,
तब कभी बलात्कार ना होगा।
तब कभी बलात्कार ना होगा।
Unbeatable n fantastic lines bHaiyaaa👍👍👌👌👌👌
ReplyDeleteThanku so much😊
DeleteAwosome lines......keep it up bro
ReplyDeleteThanku
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